एक नज़र | Nov 18, 2018,7:59:02
शादी शुभ मुहूर्त 2018: इस साल देवउठनी एकादशी के बाद नहीं होंगी शादियां, जानिए मुख्य वजह
*देवउठनी एकादशी इस साल 19 नवंबर, सोमवार की हैं। देवउठनी एकादशी के दिन देवता जागते है। आमतौर पर ऐसा माना जाता है कि देवताओं के जागने के बाद किसी भी शुभ मुहूर्त में शादी-विवाह आदि के मांगलिक कार्य किए जा सकते हैं।
*लेकिन 2018 में इस साल ऐसा नहीं होगा अब की बार देवउठनी एकादशी के बाद भी शादी वगैरहा नहीं हो पाएगी। इसकी मुख्य वजह बताई जा रही हैं कि देवउठनी एकादशी से पहले ही गुरू का तारा अस्त हो रहा हैं।
*शादी- विवाह जैसे मांगलिक कार्यों को करने में गुरू यानी बृहस्पति ग्रह की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका होती है। गुरू ही वह ग्रह है जिसके प्रबल होने पर किसी जातक के विवाह के योग बनते हैं। ऐसे में देवउठनी एकादशी से पहले ही गुरू का तारा अस्त होने पर मांगलिक कार्य नहीं किए जाएंगे।
*यदि कोई जातक गुरू के तारे के अस्त होने को ना मानते हुए विवाह आदि के मांगलिक कार्य कर लेता है, तो उस व्यक्ति का वह कार्य और उसका उद्देश्य कभी पूर्ण नहीं होता है। यदि इस समयावधि में शादी की जाएं तो वो दंपति कभी सुखी जीवन व्यतीत नहीं कर पाता हैं।
*हिन्दू धर्म शास्त्रों में गुरु व शुक्र का उदय व अस्त होना बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। गुरु और शुक्र के अस्त स्वरूप होने पर सभी प्रकार के शुभ कार्यों जैसे विवाह, नामकरण, मुंडन, व्रतारंभ, व्रत-उद्यापन, गृहप्रवेश आदि का निषेध होते है। आइए जानते हैं कि गुरु के अस्त-उदय काल क्या हैं-
* गुरू का तारा अस्त 2018
12 नवंबर, सोमवार - कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि से गुरु का तारा पश्चिम में अस्त हो गया है।
मांगलिक कार्यों की शुरूआत अब गुरू का तारा उदय होने पर होगी।
** गुरू का तारा उदय 2018
7 दिसम्बर, शुक्रवार मार्गशीर्ष अमावस्या को गुरु का तारा पूर्व में उदय होगा